हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती। मैं ख़्वाब हूँ तो ख़्वाब https://youtu.be/Lug0ffByUck